एक लड़की थी जिसे रोज़ मै देखता था बस देखता था, नहीं जानता क्या था मेरे उसके दरमियाँ नहीं जनता वो मुझे उसकी और देखते हुए मेरे बारे मै क्या सोचती थी नहीं जानता, पर मेरे दिल मै उसके लिए कुछ तो था, वैसे मैंने कभी उसका चेहरा नहीं देखा, देखा तो बस उसकी आँखे ,वो जब भी दिखती एक scarf अपने चेहरे पर बांधे दिखती पर उसकी आँखों से मै उसका चेहरा बना लिया करता और रोज़ उस चेहरे को उस scarf के पीछे देख बस मुस्कुरा देता।
मैंने कई दफ़ा उससे बात करने की कोशिश की पर नाकामयाब रहा लेकिन आज उसे मैंने अपने दिल का हाल सुनाया ,वो मेरे पास वाली सीट पर बैठी थी
मैंने उस्से कहा,
सुनो,
तुमसे कुछ कहना है कुछ है मेरे दिल मै लिए तेरे जो तुझे बतलाना है,
क्या याद है तुम्हे वो दिन जब हम पहली बार मिले थे मेरा मतलब जब तुम पहली बार मेरे पास वाली सीट पर बैठी थी
तुम मेरे पास की सीट पर न बैठी  तो शायद स्पर्श तुम्हारे हाथो का करीब मुझे तुम्हारे और न लाया होता
वो स्पर्श कुछ मन सा मचला गया था
जानती हो उस रात और उस जैसी कई रातें सिर्फ तुम्हारे बारे मै सोचता
यूँ तो मेरी कल्पनाओं का मै सुपरस्टार हूँ अच्छा कलाकार हूँ पर स्कार्फ़ के पीछे छुपे तुम्हारे चेहरे को मै कई दफ़ा बनाता और फिर बिगाड़ देता
पर वो एक चेहरा जो उस स्कार्फ़ के पीछे था मुझे मेरी कल्पनाओं मै मिला ही नहीं
मैंने सोचा के वो अब चेहरे से लिवाज़ हटाएगी
पर मुझे क्या पता था के वो ही उठके चली जायेगी
अधूरी चाह..

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